Percentile and Normalized Score क्या है? आसान भाषा में पूरी जानकारी।

🗓️ Updated on: October 20, 2025

Join Whatsapp Group
Join Telegram channel

शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के क्षेत्र में, Percentile और Normalized Score दो महत्वपूर्ण शब्द हैं जो अक्सर सुनने को मिलते हैं। ये दोनों स्कोरिंग विधियां स्टूडेंट्स की परफॉर्मेंस को मापने के लिए उपयोग की जाती हैं, लेकिन इनके अर्थ और उपयोग में अंतर है। क्या आपको इन दोनों के बीच अंतर समझने में कठिनाई होती है? अगर हाँ, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए है!

इस पोस्ट में हम Percentile और Normalized Score के बीच अंतर को सरल उदाहरणों के साथ समझेंगे, ताकि आप इन दोनों अवधारणाओं को आसानी से समझ सकें।

Percentile and Normalized Score क्या है?

क्या आपने कभी परीक्षा या प्रतियोगिता में Percentile और Normalized Score के बारे में सुना है? क्या आपको इन दोनों के बीच अंतर समझने में कठिनाई होती है? अगर हाँ, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए है! इस पोस्ट में हम Percentile और Normalized Score के बीच अंतर को सरल उदाहरणों के साथ समझेंगे, ताकि आप इन दोनों अवधारणाओं को आसानी से समझ सकें।

Percentile क्या है?

Percentile एक सांख्यिकीय माप है जो यह दर्शाता है कि किसी व्यक्ति का स्कोर कुल उम्मीदवारों की तुलना में कितना बेहतर या खराब है। यह एक रिलेटिव स्कोर है, जो यह बताता है कि आपका प्रदर्शन कितने प्रतिशत लोगों से बेहतर है।
  • Percentile एक सांख्यिकीय मान है जो यह दर्शाता है कि आपने परीक्षा में शामिल अन्य उम्मीदवारों की तुलना में कैसा प्रदर्शन किया है।
  • Percentile एक ऐसी संख्या है जो यह बताती है कि आपने परीक्षा में कितने प्रतिशत लोगों से बेहतर प्रदर्शन किया है। यह आपके स्कोर को नहीं, बल्कि आपकी रैंकिंग को दूसरों के मुकाबले मापता है।
  • Percentile को आसान भाषा में समझें: कल्पना करें कि आप एक दौड़ में हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें 100 लोग दौड़ रहे हैं। अगर आप 10वें नंबर पर आते हैं, तो इसका मतलब है कि आपने 90 लोगों को पीछे छोड़ दिया। अत: अत: परसेंटाईल 90 हुआ। Percentile यही बताता है कि आप कितने प्रतिशत लोगों से आगे हैं।
  • Percentile हमेशा 0 से 100 के बीच होता है।जितनी ज़्यादा Percentile, उतना अच्छा प्रदर्शन। 

Percentile की गणना कैसे होती है?

Percentile निकालने का आसान फॉर्मूला है।
Percentile = [(कुल योग – आपका रैंक) / कुल योग ] × 100
 
उदाहरण 1: स्कूल की दौड़ मान लीजिए, आपके स्कूल में 50 बच्चे एक दौड़ में हिस्सा लेते हैं। आप 5वें स्थान पर आते हैं। Percentile = [(50 – 5) / 50] × 100 = 90
इसका मतलब है कि आपका 90 Percentile है, यानी आप 90% बच्चों से बेहतर दौड़े।
उदाहरण 2: JEE Main परीक्षा में 10 लाख स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया, और आपका रैंक 10,000 है।
Percentile = [(10,00,000 – 10,000) / 10,00,000] × 100 = 99
इसका मतलब है कि आपका स्कोर 99% स्टूडेंट्स से बेहतर है, और आप टॉप 1% में हैं।
उदाहरण 3: परीक्षा के संदर्भ में 
  • मान लीजिए CUET की परीक्षा एक दिन में हुई, जिसमें 1000 छात्र बैठे।

  • अगर आपके नंबर 180 आए और 850 छात्रों के नंबर 180 या उससे कम आए हैं।

  • तो आपका परसेंटाइल होगा:

    परसेंटाइल।

नॉर्मलाइज़्ड स्कोर (Normalized Score) क्या है?

Normalized Score एक ऐसा स्कोर होता है जो उम्मीदवार के वास्तविक अंक (Actual Marks) को अन्य शिफ्टों की कठिनाई के आधार पर संशोधित (Adjust) करके निकाला जाता है, ताकि सभी शिफ्टों में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को बराबर का अवसर मिल सके।

👉 आसान शब्दों में:   “जब एक ही परीक्षा अलग-अलग शिफ्ट में होती है और सबकी कठिनाई अलग होती है, तब आपके वास्तविक अंकों को एक सांख्यिकीय फ़ॉर्मूले से ‘संतुलित’ करके नया स्कोर तैयार किया जाता है — यही नॉर्मलाइज़्ड स्कोर होता है।”

इसे एकदम बेसिक स्तर से समझिए:

कल्पना कीजिए कि दो दोस्त हैं, राहुल और प्रिया। दोनों ने एक ही परीक्षा दी है, लेकिन अलग-अलग शिफ्टों में:

  • राहुल ने शिफ्ट 1 में परीक्षा दी: यह शिफ्ट थोड़ी आसान थी।

  • प्रिया ने शिफ्ट 2 में परीक्षा दी: यह शिफ्ट थोड़ी मुश्किल थी।

अब, मान लीजिए दोनों को 150 अंक मिले हैं। अगर हम सिर्फ उनके अंकों (150) को देखें, तो लगेगा कि दोनों ने बराबर प्रदर्शन किया। लेकिन क्या यह वाकई निष्पक्ष है? नहीं। राहुल को आसान पेपर में 150 मिले, जबकि प्रिया को मुश्किल पेपर में 150 मिले। इसका मतलब है कि प्रिया का 150 अंक शायद राहुल के 150 अंक से बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है, क्योंकि उसने मुश्किल पेपर में भी वही अंक हासिल किए।

यहीं पर नॉर्मलाइज़्ड स्कोर काम आता है।

नॉर्मलाइज़्ड स्कोर कैसे निकालते हैं?

1. मिन-मैक्स नॉर्मलाइज़ेशन (0 से 1 स्केल): 

सूत्र:

Normalized Score=Your Score−Minimum Score/Maximum Score−Minimum उदाहरण:
मान लीजिए किसी क्लास के 5 छात्रों के स्कोर हैं:
[50, 60, 70, 80, 90] (जहाँ मिनिमम = 50, मैक्सिमम = 90)

अगर किसी छात्र का स्कोर 70 है, तो उसका नॉर्मलाइज़्ड स्कोर होगा:

70−5090−50=2040=0.5

नॉर्मलाइज़्ड स्कोर = 0.5 (0 से 1 के बीच)

2. परसेंटाइल नॉर्मलाइज़ेशन (0 से 100 स्केल): 

सूत्र:

Normalized Score=(Your Score/Maximum Score)×100

उदाहरण:
परीक्षा A (75/100) और परीक्षा B (60/80) को नॉर्मलाइज़ करें:

  • परीक्षा A: (75/100)×100=75%

  • परीक्षा B: (60/80)×100=75%

अब दोनों 75% पर हैं → तुलना आसान!

 

नॉर्मलाइज़्ड स्कोर क्या करता है?

नॉर्मलाइज़्ड स्कोर एक ऐसी गणितीय प्रक्रिया है जो सभी शिफ्टों के छात्रों के अंकों को एक ऐसे “सामान्य पैमाने” पर ले आती है, जिससे यह पता चल सके कि आपने अपनी शिफ्ट के अन्य छात्रों की तुलना में कैसा प्रदर्शन किया। यह सिर्फ आपके कच्चे अंक (जो आपको मिले) नहीं देखता, बल्कि यह देखता है कि आपकी शिफ्ट में दूसरों ने कैसा प्रदर्शन किया।

बेसिक स्टेप्स:

  1. रॉ स्कोर निकालना:
    छात्र ने जितने अंक परीक्षा में सीधे तौर पर प्राप्त किए, वही रॉ स्कोर है।

  2. परसेंटाइल रैंक निकालना:
    हर छात्र के रॉ स्कोर के आधार पर उसकी परसेंटाइल रैंक निकाली जाती है (जैसे – 90th percentile का मतलब है कि छात्र ने 90% छात्रों से अधिक अंक पाए हैं)।

  3. समान परसेंटाइल का मिलान:
    सभी शिफ्ट्स में समान परसेंटाइल रैंक वाले छात्रों के स्कोर को बराबर माना जाता है।
    उदाहरण: शिफ्ट-1 में 90th percentile पर 75 अंक हैं, और शिफ्ट-2 में 90th percentile पर 70 अंक हैं, तो दोनों छात्रों का नॉर्मलाइज़्ड स्कोर बराबर माना जाएगा।

  4. नॉर्मलाइज़्ड स्कोर आवंटित करना:
    हर छात्र को उसकी परसेंटाइल के अनुसार नॉर्मलाइज़्ड स्कोर दिया जाता है।

निष्कर्ष

परसेंटाइल और नॉर्मलाइज़्ड स्कोर दोनों ही प्रतियोगी परीक्षाओं में आपके प्रदर्शन को मापने के महत्वपूर्ण तरीके हैं। परसेंटाइल आपकी सापेक्ष स्थिति को दर्शाता है जबकि नॉर्मलाइज़्ड स्कोर विभिन्न परीक्षा सत्रों में परिणामों को निष्पक्ष रूप से तुलनीय बनाता है। इन दोनों को समझना आपको अपने परीक्षा परिणामों और प्रवेश प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. क्या Normalized Score और Percentile दोनों का उपयोग होता है?

हाँ, अधिकांश परीक्षाओं में पहले Percentile निकाला जाता है और फिर उसी आधार पर Normalized Score तैयार होता है। कुछ परीक्षाओं में केवल एक का उपयोग होता है।

Q2. क्या मेरी Percentile बढ़ने से Normalized Score भी बढ़ेगा?

जरूरी नहीं। दोनों की गणना अलग-अलग मानकों पर होती है। Percentile आपके सापेक्ष रैंक दिखाती है, जबकि Normalized Score आपके Actual Marks को कठिनाई के अनुसार Adjust करता है।

Q3. क्या परीक्षा में चयन के लिए Percentile देखा जाता है या Normalized Score?

अधिकांश संस्थाएं Normalized Score का उपयोग मेरिट सूची और कट-ऑफ तय करने में करती हैं, जबकि Percentile का उपयोग रैंकिंग और पात्रता के लिए किया जाता है।

Q4. परसेंटाइल और नॉर्मलाइज़्ड स्कोर में मुख्य अंतर क्या है?

परसेंटाइल: आपकी अपनी परीक्षा शिफ्ट के भीतर आपकी सापेक्ष रैंकिंग (आपकी शिफ्ट के कितने प्रतिशत छात्र आपसे पीछे थे)।

नॉर्मलाइज़्ड स्कोर: विभिन्न शिफ्टों के सभी उम्मीदवारों के बीच आपके प्रदर्शन की निष्पक्ष तुलना करने के लिए आपके कच्चे अंकों का एक मानकीकृत (standardized) रूप। यह सुनिश्चित करता है कि आसान या मुश्किल शिफ्ट का कोई अनुचित लाभ या हानि न हो।

Q5. CUET, JEE, SSC जैसी परीक्षाओं में कौन सा स्कोर मान्य है?

इन परीक्षाओं में चयन और काउंसलिंग के लिए Normalized Score ही मान्य होता है।

प्रमुख शब्दावली (Key Terminology)

  • रॉ स्कोर(Raw Score: यह वह अंक हैं जो छात्र ने अपने पेपर में सीधे तौर पर हासिल किए हैं, बिना किसी एडजस्टमेंट के।
  • नॉर्मलाइज़्ड स्कोर (Normalized Score): कठिनाई स्तर के अनुसार समायोजित अंक।
  • परसेंटाइल (Percentile): प्रतिशत के रूप में रैंकिंग; कितने प्रतिशत छात्रों से बेहतर प्रदर्शन।
  • कट-ऑफ (Cut-off): चयन के लिए न्यूनतम आवश्यक अंक।
  • सांख्यिकीय विधि (Statistical Method): गणना या विश्लेषण की गणितीय प्रक्रिया।

सम्बंधित पोस्ट- Related Post & Links

About the Author

Picture of Education Valley
मैं, अनिल यादव (B.Sc., B.Ed., PGDCA), वर्ष 2006 से सरकारी योजनाओं पर कार्य कर रहा हूँ तथा Content Writing and Blog Post लिखता हूँ । अपने इस व्यापक अनुभव और Digital India Mission से प्रेरित होकर, हमने इस वेबसाइट की शुरुआत की है। हमारा उद्देश्य करोड़ों भारतीयों को सरकारी योजनाओं और तकनीकी जानकारी तक सरल, सटीक और विश्वसनीय पहुँच प्रदान करना है। हम और हमारी टीम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ सही और प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कार्यरत है, ताकि हर व्यक्ति सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ उठा सके और डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ सके।
Share this

1 thought on “Percentile and Normalized Score क्या है? आसान भाषा में पूरी जानकारी।”

Leave a Comment