🗓️ Updated on: September 21, 2025
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्नातक (Graduate) छात्रों के लिए एक बड़ी और महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम है यूपी मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना (UP CM Apprenticeship Yojana)। यह योजना खासकर उन छात्रों के लिए है जो कला (BA), कामर्स (B.Com) और विज्ञान (BSc) जैसे गैर-तकनीकी (Non-Technical) पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ उद्योगों में व्यावहारिक अनुभव (Practical Experience) दिलाना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम UP CM Apprenticeship Yojana के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें पात्रता, लाभ, आवेदन प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शामिल है।
Table of Contents
Toggleक्या है UP CM Apprenticeship Yojana?
मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना (UP CM Apprenticeship Yojana) उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जो राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (NATS) और नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (NAPS) से प्रेरित है। पहले यह योजना मुख्य रूप से इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक और आईटीआई छात्रों के लिए उपलब्ध थी, लेकिन अब इसे BA, BSc और BCom जैसे सामान्य स्नातक कोर्सों तक विस्तारित किया जा रहा है। योजना के तहत छात्रों को उनके जिले में स्थित उद्योगों में अप्रेंटिसशिप करने का मौका मिलेगा, जिससे वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल सीख सकेंगे।
उच्च शिक्षा विभाग ने UP CM Apprenticeship Yojana के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। योजना का मुख्य फोकस गैर-तकनीकी कोर्स के छात्रों को तकनीकी एक्सपोजर प्रदान करना है, ताकि वे बाजार की मांग के अनुसार तैयार हो सकें। राष्ट्रीय स्तर पर NATS के तहत स्नातकों को 9000 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाता है, और UP सरकार ने इसे राज्य स्तर पर लागू करते हुए अतिरिक्त समर्थन प्रदान किया है।
योजना की मुख्य बातें (Key Features)
विषय | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना (उत्तर प्रदेश) |
लाभार्थी | विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों के स्नातक छात्र (बीए, बीएससी, बीकाम आदि) |
मानदेय (Stipend) | ₹9,000 प्रतिमाह |
वित्तपोषण (Fund Sharing) | • केंद्र सरकार: ₹4,500 • उद्योग (Industry): ₹3,500 • राज्य सरकार: ₹1,000 |
बजट | इस योजना के लिए कुल ₹100 करोड़ का बजट रखा गया है। |
अनुबंध | उद्योगों के साथ विश्वविद्यालय/कॉलेज समझौता करेंगे ताकि अप्रेंटिसशिप की व्यवस्था हो सके। जहां‑जहां स्थानीय उद्योग हों, वहीं अप्रेंटिसशिप दी जाएगी। |
प्राथमिकताएँ | • प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के छात्रों को वरीयता • पाठ्यक्रमों जिसमें अप्रेंटिसशिप अनिवार्य है, उन छात्रों को राहत • तकनीकी‑प्रयोग की जानकारी बढ़ना • स्थानीय उद्योगों में प्रशिक्षण अवसर |
मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना की मुख्य विशेषताएँ
UP CM Apprenticeship Yojana की प्रमुख विशेषताएँ नीचे दी गई हैं:
पात्रता (Eligibility): यह योजना मुख्य रूप से BA, BSc और BCom जैसे स्नातक (graduate) छात्रों के लिए है।
मासिक स्टाइपेंड (Monthly Stipend): अप्रेंटिसशिप करने वाले छात्रों को हर महीने ₹9,000 का मानदेय (stipend) दिया जाएगा।
फंडिंग का स्रोत (Funding Source): यह स्टाइपेंड केंद्र सरकार, राज्य सरकार और संबंधित उद्योगों द्वारा मिलकर दिया जाएगा।
उद्देश्य (Objective): इसका लक्ष्य गैर-तकनीकी (non-technical) पाठ्यक्रमों के छात्रों को कंपनियों और उद्योगों में व्यावहारिक अनुभव (practical experience) प्रदान करके रोजगार के लिए तैयार करना है।
कार्यान्वयन (Implementation): इस योजना को लागू करने के लिए विश्वविद्यालय और कॉलेज विभिन्न उद्योगों के साथ समझौता (tie-up) करेंगे।
रजिस्ट्रेशन (Registration): छात्रों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए आधिकारिक पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
हर महीने मिलेंगे ₹9000 का स्टाइपेंड
UP CM Apprenticeship Yojana की सबसे खास बात यह है कि इसमें अप्रेंटिसशिप करने वाले हर छात्र को प्रतिमाह ₹9,000 का स्टाइपेंड (मानदेय) दिया जाएगा। यह राशि तीन हिस्सों में दी जाएगी:
केंद्र सरकार: ₹4,500
राज्य सरकार: ₹1,000 (उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए)
उद्योग/कंपनी: ₹3,500 (इसमें से ₹1000 राज्य सरकार वहन करेगी)
इस वित्तीय सहायता से छात्रों को अपनी पढ़ाई और अन्य खर्चों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
पात्रता मानदंड
- शैक्षणिक योग्यता: उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों या डिग्री कॉलेजों में BA, BSc या BCom कोर्स कर रहे छात्र।
- आयु सीमा: न्यूनतम आयु 18 वर्ष (राष्ट्रीय योजना के अनुसार)।
- अन्य शर्तें: छात्रों को अप्रेंटिसशिप के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। योजना सभी स्नातकों के लिए खुली है, लेकिन प्राथमिकता व्यावसायिक कोर्स वालों को।
योजना के मुख्य लाभ
यूपी मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना छात्रों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि उनके करियर को मजबूत बनाती है:
- व्यावहारिक अनुभव: किताबी ज्ञान के अलावा उद्योग में वास्तविक काम का अनुभव।
- रोजगार अवसर: अप्रेंटिसशिप पूरा करने के बाद नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
- अनुभव और सर्टिफिकेट: अप्रेंटिसशिप पूरी होने पर छात्रों को काम का अनुभव और एक सर्टिफिकेट मिलेगा, जो उनके रिज्यूमे को मजबूत बनाएगा।
- आर्थिक मदद: 9000 रुपये मासिक स्टाइपेंड से पढ़ाई के खर्च में राहत।
- कौशल विकास: तकनीकी और गैर-तकनीकी कौशलों का विकास, जो बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगा।
प्रशिक्षण अवधि
यूपी मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना के तहत अप्रेंटिसशिप की प्रशिक्षण अवधि आमतौर पर 6 महीने से 12 महीने (1 साल) तक होती है। यह कोर्स, ट्रेड और उद्योग की आवश्यकताओं पर निर्भर करती है। ज्यादातर मामलों में, ग्रेजुएट छात्रों (जैसे BA, BSc, BCom) के लिए यह 12 महीने (1 साल) की होती है।
प्रशिक्षण के क्षेत्र
यूपी मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना हेतू प्रशिक्षण के क्षेत्र निम्नलिखित हैं:
सेवा क्षेत्र (Service Sector): इसमें हॉस्पिटैलिटी (होटल और रेस्टोरेंट), पर्यटन, रिटेल, बैंकिंग और बीमा जैसे उद्योग शामिल हैं।
विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector): इसमें ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, और खाद्य प्रसंस्करण (food processing) से जुड़े उद्योग आते हैं।
व्यावसायिक सेवाएँ (Professional Services): इसमें अकाउंटिंग, मार्केटिंग, एचआर (मानव संसाधन) और डेटा एंट्री जैसी नौकरियाँ शामिल हैं।
डिजिटल और तकनीकी क्षेत्र (Digital & Technical Sector): इस क्षेत्र में कंप्यूटर एप्लीकेशन, ग्राफिक डिजाइन, वेब डेवलपमेंट और डिजिटल मार्केटिंग का प्रशिक्षण दिया जा सकता है।
आवेदन कैसे करें?
UP CM Apprenticeship Yojana का लाभ लेने के लिए छात्रों का पंजीकरण अभी शुरु नही हुआ है, जल्द ही पंजीकरण हेतू वेबसाइट/लिंक उपलब्ध होगा। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पंजीकरण के लिए व्यवस्था अंतिम चरण मे है। जल्द ही प्रचार-प्रसार अभियान शुरू किया जाएगा। आप योजना से संबंधित अधिक जानकारी और पंजीकरण प्रक्रिया के लिए सरकार के आधिकारिक पोर्टल और इस ब्लॉग पोस्ट पर नजर रख सकते हैं। जैसे ही पंजीकरण प्रारम्भ होगा हम आपको इसी ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से अपडेट करेंगे।
महत्वपूर्ण लिंक्स व सम्बंधित पोस्ट
- Mobile Number Update on Parivahan Portal: वाहन मालिक और DL धारकों के लिए मोबाइल नंबर अपडेट करना अनिवार्य
- Online Sewing and Tailoring Course : ऑनलाइन सिलाई और टेलरिंग कोर्स | उषा और CSC का प्रमाणिक कोर्स मात्र ₹499 में।
- उत्तर प्रदेश छात्रवृत्ति One Time Registration-OTR क्या है? | पूरी जानकारी और पंजीकरण प्रक्रिया
- Percentile and Normalized Score क्या है? आसान भाषा में पूरी जानकारी।
- NMMS: 1000 प्रतिमाह ,राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति योजना
- उत्तर प्रदेश नि:शुल्क टैबलेट स्मार्टफोन योजना: Uttar Pradesh Free Tablet Smartphone Yojana
- Age Calculator- उम्र कैलकुलेटर
- Education Valley वेबसाइट होम पेज
निष्कर्ष (Conclusion)
मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। BA-BSc जैसे कोर्स कर रहे छात्र अब अप्रेंटिसशिप के माध्यम से अपनी स्किल्स को निखार सकते हैं और 9000 रुपये का स्टाइपेंड पा सकते हैं। यह न केवल बेरोजगारी कम करेगी, बल्कि शिक्षा को उद्योग से जोड़ेगी। यदि आप पात्र हैं, तो जल्द रजिस्ट्रेशन करें और इस मौके का लाभ उठाएं। अधिक अपडेट्स के लिए सरकारी वेबसाइट्स फॉलो करें।
उत्तर प्रदेश की UP CM Apprenticeship Yojana शिक्षा और उद्योग के बीच बेहतर सेतु बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि सफलतापूर्वक लागू की जाए, तो इससे न केवल स्नातक छात्रों को व्यावहारिक अनुभव मिलेगा बल्कि राज्य में युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे। समय रहते सभी हितधारकों (सरकार, शिक्षा संस्थान, उद्योग, छात्र) को मिलकर काम करना चाहिए ताकि इस योजना का लाभ देश के अधिकतम छात्रों तक पहुँच सके।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न – (FAQs)
Q1. मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना क्या है?
यह उत्तर प्रदेश सरकार की एक योजना है, जो युवाओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण (अप्रेंटिसशिप) प्रदान करती है और उन्हें निश्चित अवधि के लिए रोजगार से जोड़ती है। पहले यह मुख्य रूप से तकनीकी कोर्स वालों के लिए थी, लेकिन अब BA, BSc, BCom जैसे नॉन-टेक्निकल ग्रेजुएट्स भी इसका लाभ उठा सकते हैं। योजना NAPS पर आधारित है और राज्य सरकार युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से सशक्त बनाती है।
Q2. मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना की पात्रता क्या है?
न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता: BA, BSc, BCom या अन्य स्नातक डिग्री/डिप्लोमा (नॉन-टेक्निकल सहित)।
आयु सीमा: 18 वर्ष से ऊपर ।
निवासी: उत्तर प्रदेश के निवासी युवा।
Q3. UP CM Apprenticeship Yojana हेतू प्रशिक्षण के क्षेत्र (सेक्टर) कौन-कौन से हैं?
योजना में 49+ सेक्टर उपलब्ध हैं, जैसे: IT और ITES (डाटा एंट्री, डिजिटल मार्केटिंग), बैंकिंग और फाइनेंस (अकाउंटिंग, कस्टमर सर्विस), रिटेल, हॉस्पिटैलिटी, हेल्थकेयर, मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर, मैन्युफैक्चरिंग आदि। कुल 259+ ट्रेड्स हैं, और छात्र अपनी योग्यता के अनुसार चुन सकते हैं। नॉन-टेक्निकल ग्रेजुएट्स के लिए मैनेजमेंट और सर्विस सेक्टर प्रमुख हैं।
Q4. अगर छात्र किसी उद्योग में अप्रेंटिसशिप नहीं कर पाए तो क्या होगा?
कॉलेज और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उद्योग‑सम्बद्ध परियोजनाएँ पर्याप्त हों, और छात्रों को विकल्प मिलें। हालाँकि, ऐसी स्थिति पर आधिकारिक नीति में स्पष्टता की ज़रूरत है।
Q5. क्या महिलाओं या अल्पसंख्यकों के लिए विशेष प्रावधान हैं?
हां, योजना में महिलाओं के लिए 30% और अल्पसंख्यकों के लिए 20% लक्ष्य निर्धारित हैं। विकलांग व्यक्तियों (PwD) के लिए भी विशेष प्रावधान हैं।
प्रमुख शब्दावली (Key Terminology)
- अप्रेंटिसशिप (Apprenticeship): प्रशिक्षण कार्यक्रम जिसमें छात्र किसी उद्योग/कंपनी में काम करके व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करता है।
- स्टाइपेंड (Stipend): प्रशिक्षण अवधि के दौरान मिलने वाली मासिक आर्थिक सहायता (₹9,000 प्रतिमाह)।
- शिक्षुता (Shikshuta): हिंदी में Apprenticeship का पर्यायवाची शब्द; व्यावहारिक प्रशिक्षण।
- विश्वविद्यालय/कॉलेज अनुबंध (University-Industry Agreement): विश्वविद्यालय/कॉलेज और कंपनी के बीच अप्रेंटिसशिप की व्यवस्था हेतु समझौता।
- NAPS योजना: National Apprenticeship Promotion Scheme – केंद्र सरकार की योजना।
- CMAPS योजना: CM Apprenticeship Promotion Scheme- मुख्यमंत्री शिक्षुता संवर्धन योजना , यह उत्तर प्रदेश सरकार की एक पहल है जो युवाओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण, वजीफा (स्टाइपेंड) और रोजगार के अवसर प्रदान करती है।