उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना: ₹15,000 तक की प्रोत्साहन राशि! जानें पात्रता, लाभ और आवेदन प्रक्रिया

🗓️ Updated on: October 31, 2025

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अगर आप उत्तर प्रदेश के एक किसान या पशुपालक हैं और स्वदेशी गायों का शौक रखते हैं, तो ये खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के पशुपालकों को सशक्त बनाने और स्वदेशी पशुधन को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस पहल का नाम है “मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना”। इस योजना के तहत उन्नत नस्ल की स्वदेशी गायों को पालने वाले पशुपालकों को प्रति गाय ₹15,000 तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

इस लेख में Mukhyamantri Pragatishil Pashupalak Protsahan Yojana की संपूर्ण जानकारी, आवेदन प्रक्रिया, पात्रता मानदंड और लाभ के बारे में विस्तार से बताया गया है।

Table of Contents

मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना क्या है?

यह योजना (Mukhyamantri Pragatishil Pashupalak Protsahan Yojana) उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी ‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ का एक अभिन्न अंग है। इसका मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को उच्च दुग्ध उत्पादकता वाली स्वदेशी नस्लों (जैसे गिर, साहीवाल, थारपारकर, आदि) को पालने के लिए प्रोत्साहित करना है।

इस योजना के तहत, न केवल पशुपालकों को आर्थिक प्रोत्साहन राशि दी जाती है, बल्कि उन्हें प्रशस्ति पत्र से भी सम्मानित किया जाता है, जिससे उनके काम को सामाजिक मान्यता मिलती है। इस पहल का सीधा असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था और राज्य के दुग्ध उत्पादन पर पड़ना तय है।

इस योजना का मकसद साफ है – स्वदेशी गायों की नस्ल को मजबूत करना, दूध उत्पादन बढ़ाना और पशुपालकों की कमाई को दोगुना करना। योजना के तहत अगर आपकी गायें अच्छा दूध दे रही हैं, तो सरकार आपको प्रति गाय ₹15,000 तक की प्रोत्साहन राशि देगी, जो सीधे आपके बैंक अकाउंट में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) से आएगी।

Mukhyamantri Pragatishil Pashupalak Protsahan Yojana पूरे उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में लागू है, चाहे आप शहर या किसी गांव के पशुपालक हो।

उद्देश्य (Objectives)

मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • स्वदेशी नस्ल की गायों का संरक्षण और संवर्धन।
  • दुग्ध उत्पादकता में 20-30% की बढ़ोतरी करना।

  • पशुपालकों को रोजगार और अतिरिक्त आय के अवसर देना।

  • राष्ट्रीय स्तर पर दूध की उपलब्धता बढ़ाना।
  • पशुपालन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना

मुख्य लाभ (Key Benefits)

मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना  की सबसे खास बात है इसका प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ (Direct Financial Benefit)। पशुपालकों को उनकी गायों के दैनिक दुग्ध उत्पादन के आधार पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है:

  • प्रोत्साहन राशि: योजना के अंतर्गत गायों पर निर्धारित प्रतिदिन की दूध उत्पादकता के मानक के अनुसार प्रति गाय ₹10,000/- अथवा ₹15,000/- तक का प्रोत्साहन दिया जाता है (नस्ल व उत्पादकता मानक के अनुरूप)।
  • सीमाएँ: एक लाभार्थी को जीवनकाल में प्रथम, द्वितीय व तृतीय व्यात (lactation) के लिए एक-बार ही प्रोत्साहन में दावा करने की अनुमति है तथा लाभार्थी अधिकतम दो गायों तक के लिए प्रोत्साहन राशि का पात्र हो सकता है।

किन नस्लों पर कितना अनुदान मिलता है?- प्रोत्साहन राशि

Mukhyamantri Pragatishil Pashupalak Protsahan Yojana के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि गाय की नस्ल और दूध उत्पादकता के आधार पर निर्धारित की जाती है:

साहीवाल गाय हेतू

दैनिक दूध उत्पादन (लीटर)प्रोत्साहन राशि (रुपये)
8 से 12 लीटर तक₹10,000
12 लीटर से अधिक₹15,000

गिर गाय हेतू

दैनिक दूध उत्पादन (लीटर)प्रोत्साहन राशि (रुपये)
8 से 12 लीटर तक₹10,000
12 लीटर से अधिक₹15,000

थारपारकर गाय हेतू

दैनिक दूध उत्पादन (लीटर)प्रोत्साहन राशि (रुपये)
8 से 12 लीटर तक₹10,000
12 लीटर से अधिक₹15,000

हरियाणा गाय हेतू

दैनिक दूध उत्पादन (लीटर)प्रोत्साहन राशि (रुपये)
7 से 10 लीटर तक₹10,000
10 लीटर से अधिक₹15,000

गंगातीरी गाय हेतू

दैनिक दूध उत्पादन (लीटर)प्रोत्साहन राशि (रुपये)
7 से 8 लीटर तक₹10,000
8 लीटर से अधिक₹15,000

आवेदन हेतू पात्रता (Eligibility)

मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए पशुपालकों को निम्नलिखित अनिवार्य शर्तों को पूरा करना होगा:

  1. उत्तर प्रदेश का निवासी: आवेदक उत्तर प्रदेश राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।

  2. आयु सीमा: आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

  3. पशु नस्ल: पशुपालक के पास योजना में उल्लिखित स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायें होनी चाहिए (जैसे गिर, साहीवाल, थारपारकर, हरियाणा, गंगातीरीआदि)।

  4. आवेदन, गाय की ब्यॉत (Calving) तिथि से 45 दिन के अंदर करना होगा।

  5. दस्तावेज: आवेदक के पास गायों की पहचान के लिए माइक्रोचिप्स/इयर टैगिंग का प्रमाण पत्र होना चाहिए।

  6. बीमा: पशु का क्रियाशील (Active) बीमा होना अनिवार्य है।

  7. अद्वितीय लाभ: एक गाय को उसके जीवनकाल में केवल एक बार ही इस योजना का लाभ मिल सकता है।

  8. योजना व्यक्तिगत लाभार्थी परक है । समूह/ फर्म/संगठन आवेदन के पात्र नही है।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़

आवेदन करते समय, पशुपालकों को निम्नलिखित महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

  • आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र की छायाप्रति।

  • पशुपालक के बैंक पासबुक की छायाप्रति या कैंसल चेक (DBT के माध्यम से राशि हस्तांतरण के लिए)।

  • गायों के माइक्रोचिप्स / इयर टैगिंग का प्रमाण पत्र और पहचान संख्या।

  • गाय के क्रियाशील बीमा का विवरण।

  • गाय के साथ पशुपालक का पूरा फोटोग्राफ

  • योजना का लाभ न लेने संबंधी नोटरी शपथ-पत्र (कि गाय को पहले कभी प्रोत्साहन नहीं मिला है)।

  • कार्यशील मोबाइल नंबर

मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना हेतू आवेदन की प्रक्रिया मुख्य रूप से ऑनलाइन है। नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

  • आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: सबसे पहले, उत्तर प्रदेश नंद बाबा दुग्ध मिशन या संबंधित पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (nandbabadugdhmission.up.gov.in) पर जाएं।
  • पंजीकरण/लॉगिन करें: नए उपयोगकर्ता को “पंजीकरण करें” (Register) के विकल्प पर क्लिक करके अपना आधार नंबर और मोबाइल नंबर भरकर OTP सत्यापित करके रजिस्ट्रेशन करना होगा। पहले से रजिस्टर्ड उपयोगकर्ता अपने लॉगिन आईडी (मोबाइल नंबर) और पासवर्ड/OTP से लॉग इन कर सकते हैं।
  • आवेदन फॉर्म भरें: लॉगिन के बाद, आवेदन फॉर्म खुलेगा। इसमें मांगी गई सभी जानकारी जैसे व्यक्तिगत विवरण, पता, बैंक खाते का विवरण आदि ध्यानपूर्वक भरें।
  • दस्तावेज अपलोड करें: आवासीय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और फोटोग्राफ जैसे आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियाँ निर्धारित स्थान पर अपलोड करें।
  • आवेदन जमा करें: सभी जानकारी भरने और दस्तावेज अपलोड करने के बाद, फॉर्म को एक बार चेक कर लें और “सबमिट” (Submit) के बटन पर क्लिक कर दें।
  • आवेदन पत्र का प्रिंट लें: आवेदन सफलतापूर्वक जमा होने के बाद, एक पावती पत्र (Acknowledgement Slip) जेनरेट होगा। इसका प्रिंट आउट निकाल लें और भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रख लें। इसमें एक विशेष रेफरेंस नंबर भी होगा, जिससे आप आवेदन की स्थिति (Application Status) ट्रैक कर सकते हैं।

सत्यापन व चयन मानदण्ड

मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना” के अन्तर्गत प्रगतिशील पशुपालक की गाय की दुग्ध उत्पादकता का स्थलीय सत्यापन निम्नलिखित प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा:

1. प्रारंभिक स्थलीय सत्यापन

  • आवेदन प्राप्त होने के उपरान्त, सबसे पहले संबंधित जनपद के उप दुग्धशाला विकास अधिकारी / मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी / जिला समन्वयक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन द्वारा आवेदन का स्थलीय सत्यापन किया जाएगा।

  • इसके बाद, इन्हीं अधिकारियों द्वारा स्थलीय सत्यापन समिति के माध्यम से पशुपालक की स्वदेशी नस्ल की गाय की दुग्ध उत्पादकता का स्थलीय सत्यापन कराया जाएगा।

2. स्थलीय सत्यापन समिति का गठन

स्थलीय सत्यापन समिति का स्वरूप (कमेटी) निम्नवत होगा:

  • संबंधित जनपद के उप दुग्धशाला विकास अधिकारी द्वारा नामित वरिष्ठ दुग्ध निरीक्षक/दुग्ध निरीक्षक/राजकीय दुग्ध पर्यवेक्षक।
  • संबंधित विकास खण्ड के पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा नामित पशुधन प्रसार अधिकारी।
     

3. दुग्ध उत्पादन का निर्धारण

  • स्थलीय सत्यापन समिति द्वारा लगातार 02 दिन में 04 दुहान (प्रातः एवं सायं) के आधार पर गाय की दैनिक दुग्ध उत्पादकता का निर्धारण किया जाएगा।

  • 04 दुहान का तात्पर्य यह है कि प्रथम दुहान के बाद गाय का थन (Udder) खाली हो जाएगा, तत्पश्चात द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ दुहान से वास्तविक दुग्ध उत्पादन उपलब्ध होगा

4. समय-सीमा एवं द्वितीय सत्यापन

  • स्थलीय सत्यापन समिति द्वारा गाय की दुग्ध उत्पादकता का निर्धारण आवेदन प्राप्त होने के 30 दिन के अन्दर किया जाएगा।
  • किए गए सत्यापन में से पाँच प्रतिशत पशुपालकों का रैण्डम आधार पर द्वितीय सत्यापन, संबंधित जनपद की डिस्ट्रिक्ट एक्जीक्यूटिव कमेटी द्वारा कराया जाएगा

महत्वपूर्ण लिंक और संपर्क जानकारी

  • आधिकारिक वेबसाइट: https://nandbabadugdhmission.up.gov.in/index.php
  • विभाग का नाम: दुग्धशाला विकास विभाग, उत्तर प्रदेश
  • सहायता: नन्द बाबा दुग्ध मिशन, मंडी समिति भवन, किसान बाजार, बिभूति खंड, गोमती नगर, लखनऊ (226010)
  • फोन: 0522-3128643
  • ई-मेल: info@nandbabadugdhmission.up.gov.in
  • अन्य: नज़दीकी जनसेवा केंद्र (CSC) के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना उत्तर प्रदेश के पशुपालक समुदाय के लिए एक वरदान साबित हो रही है। यह न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि राज्य में डेयरी उद्योग को भी एक नई ऊंचाई पर ले जा रही है। यदि आप पशुपालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाना चाहते हैं या अपने मौजूदा व्यवसाय का विस्तार करना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ अवश्य उठाएं। सही दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन करके आप भी इसका हिस्सा बन सकते हैं।

अगर आप एक प्रगतिशील पशुपालक हैं, तो देर न करें। अपनी उन्नत नस्ल की गायों का पंजीकरण कराएं, आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करें और आज ही इस योजना के लिए आवेदन करें।

नोट: योजना के दिशा-निर्देश और लाभ राशि में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। सबसे अद्यतन (updated) और सटीक जानकारी के लिए मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना की आधिकारिक वेबसाइट को ही प्राथमिक स्रोत मानें।

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❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1. मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य क्या है?

A: स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों के पालन को बढ़ावा देना और उनके उच्च दुग्ध उत्पादन पर पशुपालकों को ₹10,000 से ₹15,000 तक का प्रोत्साहन देना।

Q2. मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना में कितनी गायों पर लाभ मिलेगा?

A: लाभार्थी अधिकतम 2 गायों के लिए पात्र होगा और प्रति गाय जीवनकाल में एक बार ही दावा कर सकता है।

Q3. दुधारू पशु प्रोत्साहन राशि किन नस्लों की गायों पर मिलती है?

A: यह प्रोत्साहन राशि स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों यथा—गिर, साहीवाल, हरियाणा, गंगातीरी एवं थारपारकर प्रजातियों पर लागू है।

Q4. क्या मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना में आवेदन के लिए गाय का बीमा अनिवार्य है?

A: हाँ, आवेदन के लिए गाय के क्रियाशील बीमा का विवरण संलग्न करना अनिवार्य है, साथ ही गाय की पहचान हेतु माइक्रोचिप्स/ईयर टैगिंग भी ज़रूरी है।

Q5. पशुपालक प्रोत्साहन योजना उत्तर प्रदेश के लिए आवेदन कब करना होता है?

A: मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना में आवेदन, गाय के व्योंत (Calving) की तिथि से 45 दिन के अंदर करना अनिवार्य है।

Q6. क्या मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के तहत ऋण भी मिलता है या सिर्फ अनुदान?

A: यह मुख्य रूप से एक अनुदान (Subsidy) योजना है, लेकिन यह अक्सर बैंक ऋण से जुड़ी होती है। आप पशु की कुल लागत का एक हिस्सा स्वयं के योगदान के रूप में देते हैं, शेष राशि के लिए बैंक ऋण लेते हैं, और उस ऋण पर सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती है।

About the Author

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मैं, अनिल यादव (B.Sc., B.Ed., PGDCA), वर्ष 2006 से सरकारी योजनाओं पर कार्य कर रहा हूँ तथा Content Writing and Blog Post लिखता हूँ । अपने इस व्यापक अनुभव और Digital India Mission से प्रेरित होकर, हमने इस वेबसाइट की शुरुआत की है। हमारा उद्देश्य करोड़ों भारतीयों को सरकारी योजनाओं और तकनीकी जानकारी तक सरल, सटीक और विश्वसनीय पहुँच प्रदान करना है। हम और हमारी टीम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ सही और प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कार्यरत है, ताकि हर व्यक्ति सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ उठा सके और डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ सके।
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