🗓️ Updated on: October 28, 2025
अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और घर में बेटी की शादी की चिंता सता रही है, तो आज का ये आर्टिकल आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं। हम बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश (Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana UP) की। यह योजना न सिर्फ आर्थिक बोझ कम करती है, बल्कि बेटियों को सम्मानजनक जीवन की शुरुआत देने में मदद करती है। कल्पना कीजिए, बिना कर्ज के बोझ के, बिना फिजूलखर्ची के, एक भव्य सामूहिक विवाह समारोह जहां सैकड़ों जोड़े एक साथ सात फेरे लेते हैं।
इस विस्तृत लेख में, हम उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना 2025 के नवीनतम अपडेट, ₹1 लाख के लाभ का विवरण, नई पात्रता मानदंड और ऑनलाइन आवेदन की चरण-दर-चरण प्रक्रिया को जानेंगे।
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Toggleमुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश (Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana UP) क्या है?
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश (Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana UP) राज्य के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य गरीब, निराश्रित, ज़रूरतमंद और कम आय वाले परिवारों की बेटियों, विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं के विवाह/पुनर्विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस योजना को 2017 में शुरू किया था, लेकिन 2025 में इसे और मजबूत बनाया गया है। अब प्रति जोड़े ₹1 लाख की सहायता मिलेगी, जो पहले ₹51,000 थी।
2025-26 में सरकार का लक्ष्य है एक लाख जोड़ों का विवाह कराना। इसके लिए बजट में ₹550 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ये आंकड़े बताते हैं कि योजना कितनी प्रभावी हो रही है – खासकर ग्रामीण और शहरी गरीब परिवारों के लिए।
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सामूहिक विवाह योजना के मुख्य उद्देश्य
इस योजना को शुरू करने के पीछे उत्तर प्रदेश सरकार के कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं, जिनमें शामिल हैं:
आर्थिक सहायता: गरीब परिवारों को कन्या के विवाह के खर्च से मुक्ति दिलाना।
सामाजिक समरसता: सभी धर्मों और वर्गों के जोड़ों को एक मंच पर लाकर सामाजिक एकता को बढ़ावा देना।
फिजूलखर्ची पर रोक: विवाह समारोहों में होने वाले अनावश्यक खर्चों और आडंबर को कम करना।
बाल विवाह रोकथाम: विवाह के लिए लड़का-लड़की की कानूनी न्यूनतम आयु (21 और 18 वर्ष) सुनिश्चित करना।
नवीनतम लाभ एवं वित्तीय सहायता: अब मिलेंगे ₹1 लाख
यह योजना का सबसे बड़ा और नवीनतम बदलाव है। पहले प्रति युगल ₹51,000 की धनराशि व्यय की जाती थी, जिसे अब उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ाकर ₹1,00,000 (एक लाख रुपये) कर दिया है। यह बढ़ी हुई धनराशि अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी है।
प्रति जोड़ा कुल व्यय का नवीनतम विवरण
प्रति युगल (जोड़ा) ₹1 लाख की यह धनराशि निम्नलिखित तीन मदों में विभाजित की गई है:
- कन्या के बैंक खाते में सीधा अंतरण (DBT): ₹60,000, गृहस्थी स्थापना हेतु आर्थिक सहायता। (पहले ₹35,000 था)
- वैवाहिक सामग्री/उपहार: ₹25,000 विवाह की आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, चांदी के आभूषण आदि के लिए। (पहले ₹10,000 था)|
- सामूहिक आयोजन पर व्यय: ₹15,000 विवाह समारोह के आयोजन, भोजन, पंडाल, बिजली आदि व्यवस्थाओं पर। (पहले ₹6,000 था)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश के लिए पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ उठाने वाले जोड़ों को निम्नलिखित प्रमुख शर्तें पूरी करनी होती हैं:
1- सामान्य पात्रता
- आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- विवाह के समय वधू की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और वर की न्यूनतम आयु 21 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए।
- वधू के परिवार की सभी स्रोतों से वार्षिक आय ₹3,00,000 (तीन लाख रुपये) से अधिक नहीं होनी चाहिए। (पहले यह सीमा ₹2,00,000 थी)
- एक परिवार की अधिकतम दो पुत्रियों को इस योजना का लाभ मिल सकता है।
2- विशेष पात्रता-श्रेणियाँ
- यह योजना सभी वर्गों (सामान्य, OBC, SC, ST, अल्पसंख्यक) के लिए खुली है।
- कन्या का विवाह पहली बार हो रहा हो।
- विधवा या तलाकशुदा महिला के पुनर्विवाह के लिए भी यह योजना लागू है-यदि अन्य शर्तें पूरी हों।
3- आयोजन-शर्तें
- विवाह अनिवार्य रूप से सामूहिक विवाह कार्यक्रम में ही संपन्न होना चाहिए, जिसके लिए न्यूनतम 10 जोड़ों का होना आवश्यक है।
- आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन पूर्ण होने बाद, सत्यापन आदि जिला/ब्लॉक स्तर पर होती है, इसलिए स्थानीय अधिकारी से संवाद महत्वपूर्ण रहता है।
सामूहिक विवाह योजना: आवश्यक दस्तावेज
ऑनलाइन आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
वर एवं वधू दोनों का आधार कार्ड।
वधू-परिवार का आय प्रमाण पत्र।: नवीनतम, जिसमें परिवार की वार्षिक आय ₹3,00,000 से कम हो।
जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)।
निवास प्रमाण पत्र (उत्तर प्रदेश का)।
आयु प्रमाण पत्र: जन्म प्रमाण पत्र, हाई स्कूल मार्कशीट या अन्य प्रमाण।
वधू का बैंक खाता विवरण: पासबुक की कॉपी (₹60,000 की राशि इसी खाते में जमा होगी)।
पासपोर्ट साइज़ फोटो (वर एवं वधू दोनों की)।
मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी।
विधवा/तलाकशुदा के लिए: पति का मृत्यु प्रमाण पत्र या तलाक का वैध प्रमाण पत्र।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना -उत्तर प्रदेश के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
सामूहिक विवाह योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल और पूरी तरह से ऑनलाइन है।
आवेदन की चरण-दर-चरण प्रक्रिया:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ — उदाहरण के लिए: cmsvy.upsdc.gov.in
- आवेदन करें” लिंक चुनें, वर-वधू का आधार व जन्मतिथि भरकर ई-केवाईसी/OTP सत्यापन करें।
- फॉर्म में व्यक्तिगत विवरण, आय व बैंक विवरण आदि भरें । वर एवं वधू दोनों से संबंधित सभी विवरण दर्ज करें।
- दस्तावेज अपलोड करें: ऊपर बताए गए सभी आवश्यक दस्तावेजों (स्कैन की गई कॉपी) को निर्धारित प्रारूप और साइज़ में अपलोड करें।
- फॉर्म सबमिट करें: सभी जानकारी की जांच करने के बाद फॉर्म को अंतिम रूप से सबमिट करें।
- प्रिंट आउट: आवेदन पत्र का प्रिंट आउट निकाल कर अपने पास सुरक्षित रखें। भविष्य में इसकी आवश्यकता पड़ सकती है।
महत्वपूर्ण नोट: फर्जीवाड़ा रोकने के लिए, विवाह समारोह स्थल पर वर और वधू दोनों की बायोमेट्रिक (Biometric) उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। इसके बिना, आपको योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
सत्यापन और आयोजन (Verification and Event Management)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में आवेदन करने के बाद, विवाह सम्पन्न होने तक की प्रक्रिया के दो महत्वपूर्ण चरण होते हैं: सत्यापन और आयोजन।
1. लाभार्थी का सत्यापन (Verification Process):
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पंजीकृत होने के बाद लाभार्थी (लड़की/वर-वधू पक्ष) का सत्यापन कई स्तरों पर किया जाता है ताकि पात्रता सुनिश्चित की जा सके और फर्जी आवेदनों को रोका जा सके। यह प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
(a) आवेदन सत्यापन:
ऑनलाइन आवेदन के बाद संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी (DSWO) आवेदन की जांच करते हैं।
आवेदन पत्र में दी गई जानकारी जैसे—आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक आदि को डिजिटली सत्यापित किया जाता है।
लाभार्थी की वैवाहिक स्थिति (अविवाहित होना आवश्यक) और उम्र (लड़की कम से कम 18 वर्ष, लड़का 21 वर्ष) की जांच की जाती है।
(b) ग्राम पंचायत / नगर निकाय स्तर पर जांच:
सत्यापन रिपोर्ट ग्राम पंचायत सचिव / नगर निकाय अधिकारी द्वारा दी जाती है।
वे यह सुनिश्चित करते हैं कि आवेदक वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से है और उसी जिले/क्षेत्र का निवासी है। कई मामलों में, अधिकारी आवेदक के घर या पते पर जाकर दी गई जानकारी का भौतिक सत्यापन भी कर सकते हैं।
(c) अनुमोदन (Approval):
जब सभी दस्तावेज़ सही पाए जाते हैं, तब संबंधित जिलाधिकारी (DM) के स्तर से आवेदन को स्वीकृति मिलती है।
स्वीकृति के बाद लाभार्थी को सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने का निमंत्रण भेजा जाता है।
2. विवाह आयोजन की प्रक्रिया (Organization of Marriage Ceremony)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विवाह समारोह राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सामूहिक रूप से आयोजित किए जाते हैं।
(a) आयोजन की जिम्मेदारी:
आयोजन की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग की होती है।
कई बार इस कार्य को मान्यता प्राप्त सामाजिक संस्थाओं (NGOs) को भी सौंपा जाता है।
(b) स्थान और तिथि का निर्धारण:
प्रत्येक जिले में निर्धारित तिथि और स्थल पर सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया जाता है।
कार्यक्रम आमतौर पर सामुदायिक भवन, ब्लॉक परिसर या सार्वजनिक स्थलों पर होता है।
(c) विवाह संस्कार:
सभी जोड़ियों का विवाह हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि धर्मानुसार पारंपरिक रीति-रिवाजों से कराया जाता है।
समारोह में स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी, और परिजन सम्मिलित होते हैं।
(d) उपहार एवं प्रमाण-पत्र वितरण:
विवाह के बाद प्रत्येक जोड़े को—
₹1,0000 की आर्थिक सहायता (सरकारी नियमों के अनुसार)
विवाह प्रमाणपत्र (Marriage Certificate)
उपहार सामग्री (घरेलू सामान) प्रदान की जाती है।
(e) कार्यक्रम का दस्तावेजीकरण:
हर समारोह की फोटो/वीडियो रिकॉर्डिंग और ऑनलाइन पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड की जाती है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
महत्वपूर्ण लिंक और संपर्क जानकारी
- आधिकारिक वेबसाइट: www.cmsvy.upsdc.gov.in
- विभाग का नाम: समाज कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश।
- सहायता: ज़िला समाज कल्याण अधिकारी (DSWO) से संपर्क करें।
- फोन : 0522-3538700
- ई-मेल : director.sw@dirsamajkalyan.in
- अन्य: नज़दीकी जनसेवा केंद्र (CSC) के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए एक सशक्त अवसर प्रस्तुत किया है। विवाह के खर्च को राहत देने के साथ-साथ यह सामाजिक समरसता और सम्मान-पूर्ण जीवन-शुरुआत का मंच भी है। यदि आप या आपके परिचित इस योजना के पात्र हैं — तो आवेदन प्रक्रिया आज ही शुरू करें, स्थानीय कार्यालय से सूचना प्राप्त करें, आवश्यक दस्तावेज जुटाएँ और सक्रिए रूप से भाग लें।
इस लेख में दी गई जानकारी नवीनतम प्रकाशित स्रोतों पर आधारित है। आवेदन से पहले स्थानीय अधिसूचना, जिला-पोर्टल या समाज-कल्याण विभाग की वेबसाइट को एक बार क्रॉस-वेरिफ़ाई करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश में कितना पैसा मिलता है?
उत्तर: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अब ₹1,00,000 (एक लाख रुपये) प्रति युगल खर्च किए जाते हैं। इसमें से ₹60,000 सीधे वधू के खाते में जमा किए जाते हैं, ₹25,000 वैवाहिक सामग्री के लिए और ₹15,000 आयोजन पर खर्च होते हैं।
Q2. UP सामूहिक विवाह योजना की नई आय सीमा क्या है?
उत्तर: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए वधू के परिवार की वार्षिक आय सीमा को ₹2,00,000 से बढ़ाकर ₹3,00,000 कर दिया गया है। अब ₹3 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार भी इस योजना के लिए पात्र हैं।
Q3. सामूहिक विवाह योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
उत्तर: ऑनलाइन आवेदन करने के लिए योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां "मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना" लिंक पर क्लिक करके पंजीकरण फॉर्म भरा जा सकता है।
Q4. क्या सामूहिक विवाह में बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य है?
उत्तर: हाँ, फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सामूहिक विवाह समारोह स्थल पर वर और वधू दोनों की बायोमेट्रिक (आधार-आधारित) उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है। इसके बिना, वधू के खाते में ₹60,000 की राशि हस्तांतरित नहीं की जाएगी।
Q5. यदि शादी पहले हो चुकी है या निजी आयोजन हुआ है तो क्या लाभ मिलेगा?
उत्तर: नहीं। Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana UP के लाभ के लिए “सामूहिक विवाह” समारोह में भाग लेने तथा आवेदन-पूर्व विवाह तय होना आवश्यक है (आधिकारिक स्रोतों में यह शर्त रहती है)।
Q6. यूपी सामूहिक विवाह योजना का लाभ किसे मिल सकता है?
उत्तर: यह योजना उत्तर प्रदेश के उन गरीब, निराश्रित और जरूरतमंद परिवारों की बेटियों, विधवाओं, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिलाओं के लिए है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹3,00,000 से कम है। वधू की आयु 18 वर्ष और वर की आयु 21 वर्ष होनी चाहिए।
Q7. क्या मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश का लाभ केवल हिंदू परिवारों को मिलता है?
उत्तर: नहीं, Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana UP सभी धर्मों के लिए खुली है। रीति-रिवाजों का सम्मान होता है।